कितना सुंदर घर है - पटना एयर पोर्ट से १०-१२ किलोमीटर दूर..
क्यों न याद कर लिया जाए जगजीत और चित्रा सिंह का गाया हुआ
'साथ साथ' फिल्म का ये गीत
क्यों न याद कर लिया जाए जगजीत और चित्रा सिंह का गाया हुआ
'साथ साथ' फिल्म का ये गीत
ये तेरा घर ये मेरा घर किसी को देखना हो गर
तो पहले आ के माँग ले, मेरी नज़र तेरी नज़र
न बादलों की छाँव में, न चाँदनी की गाँव मेंन फूल जैसे रास्ते बने हैं इसके वास्ते
मगर ये घर अजीब है, ज़मीन के क़रीब है
ये ईंट पत्थरों का घर, हमारी हसरतों का घर
ये तेरा घर ये मेरा घर ...
इस घर को देखिये ... गीत को सुनिए और मुस्कुराइए ...
सपनों के घर के लिए जरूरी नहीं है की आपके पास खूब सारा धन हो...:)
सपनों के घर के लिए जरूरी नहीं है की आपके पास खूब सारा धन हो...:)
बहुत बड़ी बात कही आपने!
ReplyDeleteइससे सुन्दर पोस्ट हो ही नहीं सकती और न ही इससे सुन्दर घर ही...!
आभार!
कितना सुन्दर घर है! और गीत तो सदाबहार है ही!
ReplyDelete''सपनों के घर के लिए जरूरी नहीं है की आपके पास खूब सारा धन हो''.सही कहा आपने .
ReplyDeleteसुंदर गीत के साथ सुंदर घर का सपना. बहुत खूब दीपक जी. नववर्ष की आपको और आपके परिवार को मंगलकामनाएँ.
ReplyDeleteयक़ीं नहीं होता कि साठ साल से ज़्यादा हो गए आज़ादी को!
ReplyDeleteWish a very happy and prosperas new year to you and family.
ReplyDeleteसुन्दर चित्र, एक यादगार गीत के साथ. नववर्ष के लिए आपको शुभकामनाएं.
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