हुक्म राजघराने से निकलता है
त्रस्त जनता होती है
जनता क्रांति करती है,
राजघरानों का अंत करती हैं -
..... क्रांतियां
राजा की हत्या होती है,
मारे जाते हैं,
क्रांतिकारियों द्वारा...
फिर यही क्रांतियां
तानाशाह को जन्म देती हैं.
और क्रांतिकारी भी
तानाशाह बन जाते हैं
आखिर वो भी
मारे जाते हैं,
कई बार मारे जाने वाले
तानाशाह नहीं भी होते...
सिपाही मात्र होते हैं,
पर मारे जाते हैं,
क्रांति के सिपाहियों द्वारा...
पर तानाशाह कभी मरते नहीं
सदा मारे जाते हैं..
जनता मरती है....
कुत्ते की मौत कहते हैं जिसे,
तानाशाह को वो मौत भी नहीं मिलती
क्योंकि वो तो रिज़र्व रहती है
रोड पर सोनेवाले के लिए
सुखपूर्वक मरने के लिए.
गहरी बात। तानाशाह मरते हैं परंतु वह प्रवृत्ति नहीं मरती। सत्ता के शिखर पर बैठे लोगों में दिख जाती है बाकियों में शायद छिप जाती है।
ReplyDeleteसुन्दर कविता!
तानाशाही भी शायद बस अपना चोला ही बदल लेती है, वर्ना ये क्रान्तिकारियां भी अपनी ही मौत यूँ न मरतीं !
ReplyDeleteएक संवेदनशील विषय पर सहजता से लिखी गई कविता... लीबिया में गद्दाफी के अंत को देखते हुए कविता की सार्थकता बढ़ जाती है... बहुत बढ़िया...
ReplyDeleteसंवेदनशील और वैचारिक ! तानाशाही तो एक प्रवृत्ति है भाई!
ReplyDeleteदोहों के आगे दोहे
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ज्योति-पर्व पर आपको, प्रेषित मंगल-भाव।
भव-सागर में आपकी, रहे चकाचक नाव॥
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सद्भावी- डॉ० डंडा लखनवी
मरण तो सभी का एक-सा ही होता है. हम हालात के अनुसार उस पर ठप्पा लगा देते हैं कि वह कुत्ते की मौत मरा या किसी और जैसी. दुनिया में हाल की घटना पर बढ़िया रचना.
ReplyDeleteदीपावली पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteसार्थक रचना, सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
ReplyDelete"शुभ दीपावली"
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मंगलमय हो शुभ 'ज्योति पर्व ; जीवन पथ हो बाधा विहीन.
परिजन, प्रियजन का मिले स्नेह, घर आयें नित खुशियाँ नवीन.
-एस . एन. शुक्ल
संवेदनशील रचना
ReplyDeleteआपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!
संजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
दीपक बाबा भाई बहुत ही मौजू रचना प्रस्तुत की है सर्वकालिक .दिवाली मुबारक .
ReplyDeleteदीपक जी! आपको, आपके मित्रों और परिजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteप्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteतानाशाही नहीं चलेगी। लोकतंत्र की जय।
ReplyDeleteक्योंकि वो तो रिज़र्व रहती है...
ReplyDeleteहा....हा...हा.....
बिलकुल सही उस पर तो पहला हक़ रोड पर सोने वालों का ही है ....
मर्मस्पर्सी
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