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यूँ ही एक रिमझिम दुपहरी में ... बलजीत नगर के चोहराए पर फोटू क्लिक किया की .... क्वोनो क्रांति के काम आएगी .. जय राम जी की. |
बारिशों जैसे -
क्रांतियों की भी रुत होती है..
क्रांतियों की भी रुत होती है..
और आजकल दोनों ही एक साथ हैं.....
दुपहिया वाला और रक्सेवाला सवारी सहित ..
दुपहिया वाला और रक्सेवाला सवारी सहित ..
बारिश से बचता है..... और क्रांति से भी
पनाह मांगता है......
बारिश और क्रांति दुनो से ...
टाइम खोटी .... पैसा खोटी....
मारुती वेन वाला बेफिक्र...
साधनसम्पन..
न बारिश की चिंता...
न क्रांति की...
"टाइम मिला तो मोमबत्ती जलाएंगे"
फिलहाल माल सही जगह पहुचना है.
और उ जो जूस की दूकान पर खड़े है....
उ बारिश में नहीं भीगना चाहते ...
पर क्रांति की बातें करते हैं ...
कोफ़्त होती है ... जूसवाले को.
सुसरा जूस का दुकाने नहीं हुए