मेरे ही किस्म के जोगी ठाकुर थे ..... सुनिए आशीर्वाद फिल्म का ये गीत : एक था बचपन ... प्यारा सा बचपन.
आपने पता नहीं गीत सुना या नहीं - पर ये भावुक था. बचपन..... इन चित्रों को देखिये और सोचिये इस बचपन को खुश रहने के लिए पैसे की जरूरत नहीं है. समर्थ पापा के पास समय नहीं है... वो महरूम है - ऐसी जगह पापा जाने नहीं देते ... बचपन पर पहरा है... उ कम कमाने वाले ... सभ्रांत घरों में नौकरी करने वाले - अपने बच्चो को ज्यादा समय देते हैं - और उन बच्चों का बचपन ज्यादा खुशहाल होता है... टचवूड ....
बचपन की विविध झलकियाँ ... और जोगी ठाकुर! वाह!
ReplyDeleteआभार स्मार्टी .......
Deleteये गाना सुना है बहुत प्यारा है और आँख भर आती हैं इसे सुनकर आपने सुन्दर चित्र सहेजे हैं…………ये उन्मुक्तता तो सिर्फ़ बेफ़िक्र बचपन मे ही मिलती है।
ReplyDeleteसुन रही हूँ ……………।उफ़ मुझे भी कुछ याद आ गया
ReplyDelete"आभार स्मार्टी" ... कहकर बचपन को जी लिया है ... बचपन को था न कहो "दीपू"....अब ये चित्र दुर्लभ है देखनें ..आभार..
ReplyDeleteसुन लिया दादा, भालो, एक दम नीमन था, याद आया बचपन।
ReplyDeletesahi kaha....!!
ReplyDeletebachpan jeene ka yahi andaaz hota hai...!
movie bhi dekhi hui hai....gana bhi suna hua hai...!!
ek baar aapne fir rula diya....!
yaaden taza ho gayin....is gaane ki ...aur apne bachpan ki bhi..!
aur.....
rulaane vaale ko shukriya to nahin kahte.....
fir bhi aapko....
जितना प्यारा गीत ... उतनी ही ये फोटोस ... बचपन में जाने का मन करता है दुबारा ...
ReplyDeleteआप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
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